जीएसटी एक नया अधिनियम है, सामान्य रूप से एक बड़ा व्यापारी वर्ग जो जीएसटी अधिनियम के अंतर्गत आता है, और पंजीयन लेता है, उसे इसके संबंध में सामान्य जानकारी भी नहीं है, जिस कारण कई बार उसके सामने बड़ी चुनौतियां आ जाती हैं, और अनावश्यक रूप से उसे अन्य समस्याओं के साथ-साथ लेट फीस, पेनाल्टी, फाइन आदि के दुशचक्र में फसना पड़ जाता है। यहाँ उसे मानसिक तनाव के साथ-साथ आर्थिक हानि भी झेलनी पड़ती है। जबकि जीएसटी अधिनियम को लाने का उदेश्य यह था कि, टैक्स के नियमों को इस प्रकार बनाया जाये जिससे व्यापारियों को लालफीता शाही और इस्पेक्टर राज से बचाया जा सके, और पूरे देश के व्यापारियों और उत्पादकों को निर्बाध रूप से, इस देश के बढ़ रहे बाजार का लाभ दिलाया जा सके, अर्थात कि एक देश एक नियम और एक बाजार।
जीएसटी के प्रावधान नए हैं, इसके विषय में बहुत सारा सामग्री इंटरनेट पर और पुस्तकों के रूप में उपलब्ध है, लेकिन इस ब्लॉग को बनाने का मुख्य कारण यह था, कि जीएसटी पर जो भी सामग्री उपलब्ध है, वह सामान्यता इंग्लिश भाषा में है। हिंदी में जो सामग्री है, वह बहुत ही सामान्य परिचय के रूप में है, जिसका तथ्यात्मक और विधिक उपयोग बहुत कम है।
यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि किस देश की
राष्ट्रभाषा हिंदी है वहां हिंदी में जीएसटी पर स्तरीय और तथ्यपरक सामग्री उपलब्ध
नहीं है, इस ब्लॉग को बनाने का मुख्य उद्देश्य यही है, कि आप सभी को जीएसटी के
संबंध में अवगत कराया जाए, और भाषा को इतना सरल और सहज रखा जाए कि आप जीएसटी
अधिनियम के विधिक प्रावधानों को भी बहुत सामान्य रूप से समझ सके, और जीएसटी के
संबंध में होने वाले समस्याओं से भी बच सकें, और जीएसटी का उपयोग करते हुए अपने
व्यापार और वाणिज्य को और भी अधिक बढ़ा सकें।
धन्यवाद
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