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जीएसटी में क्वार्टरली रिटर्न मंथली पेमेंट्स स्कीम | QRMPS in GST in hindi

QRMP क्या है?   QRMPS क्या है?  QRMP कैसे लेना है ?  QRMP में पेमेंट कैसे करे?  QRMP में GSTR-1 या इनवॉइस अपलोड कैसे करे?  QRMP कैसे छोड़...

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जीएसटी में क्वार्टरली रिटर्न मंथली पेमेंट्स स्कीम | QRMPS in GST in hindi

QRMP क्या है?   QRMPS क्या है?  QRMP कैसे लेना है ?  QRMP में पेमेंट कैसे करे?  QRMP में GSTR-1 या इनवॉइस अपलोड कैसे करे?  QRMP कैसे छोड़...

QRMP क्या है? QRMPS क्या है? QRMP कैसे लेना हैQRMP में पेमेंट कैसे करे? QRMP में GSTR-1 या इनवॉइस अपलोड कैसे करे? QRMP कैसे छोड़ें? ये कुछ ऐसी प्रश्न है जो सभी जी.एस.टी. करदाता जानना चाहते है। इस आर्टिकल में ऐसे सभी प्रश्नों का उत्तर करदाता को मिल जायेगा  

QRMP क्वार्टरली रिटर्न मंथली पेमेंट्स की स्कीम है । जीएसटी में होने वाली रिटर्न संबंधी अधिकता से छोटे करदाताओं को मुक्त करने के लिए यह स्कीम लाई गई है। पूर्व में लाई जा रही सहज सुगम रिटर्न स्कीम को बाद में रोक दिया गया था। और उसके स्थान पर जीएसटी में क्वार्टरली रिटर्न मंथली पेमेंट्स स्कीम लाई गई, यह योजना 1 जनवरी 2021 से लागू हो चुकी है

जीएसटी में क्वार्टरली रिटर्न मंथली पेमेंट्स स्कीम के संबंध में सभी बातें जैसे कि, इस योजना में शामिल होने के लिए क्या शर्ते हैं? किसे इस योजना में स्वतः(बाई डिफॉल्ट) शामिल कर दिया गया है? कैसे इस योजना में शामिल होंना है? और कैसे इस योजना से बाहर आएंगेGSTR -1 इस योजना के अंतर्गत किस प्रकार दाखिल करेंगे? मंथली टैक्स पेमेंट किस प्रकार किया जाएगा? आदि सभी तथ्यों को शामिल करते हुये होने वाली समस्याओं के समाधान करने का प्रयास किया गया है। इस आर्टिकल में निम्न मुख्य बिदुओं पर चर्चा की जाएगी :-

1.QRMP अथवा QRMPS (क्वार्टरली रिटर्न मंथली पेमेंट्स स्कीम) क्या है ? 
2.इस योजना में शामिल होने की क्या शर्ते हैं ?
3.किन करदाताओं को ऑटो डिफॉल्ट शामिल कर दिया गया है ? 
4.योजना का विकल्प किस प्रकार लिया या छोड़ा जा सकता है ?  
5.QRMPS नए पंजीयन वाले व्यापारी पर किस प्रकार लागू होगी ? 
6.इनवाइस फर्निशिंग फैसिलिटी (IFF) क्या है ?  
7.PMT-06 में पेमेंट किस प्रकार की जाएगी ?     

1- QRMPS (क्वार्टरली रिटर्न मंथली पेमेंट्स) क्या है ?

            क्यूआरएमपीएस, 5 करोड़ के एग्रीगेट टर्नओवर से कम के करदाताओं के लिए रिटर्न फाइलिंग की एक योजना है। जिसमें GSTR-1 और GSTR-3B तिमाही आधार पर फाइल किया जाएगा, और टैक्स मासिक आधार पर दिया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे करदाताओं के कर अनुपालन की प्रक्रिया को सरल करना है। यह योजना 1 जनवरी 2021 से लागू हो चुकी है।

2- QRMPS में शामिल होने की क्या शर्ते हैं ?

            वे करदाता का एग्रीगेट टर्नओवर, अर्थात PAN आधारित टर्नओवर पिछले साल अथवा इस साल 5 करोड़ से अधिक नहीं है और जिनके द्वारा GSTR-1 और GSTR-3B दाखिल की जाती है। इसमे नार्मल करदाता, SEZ डेवलपर, SEZ यूनिट, कम्पोजीशन से बाहर आने वाले करदाता, कम्पोजीशन न लेने वाले नये पंजीयन शामिल हैं

यदि किसी तिमाही में टर्नओवर 5 करोड़ से अधिक हो जाता है तो, अगली तिमाही से करदाता इस योजना से बाहर हो जाएगा। QRMPS में शामिल होने के लिए पूरे वर्ष ऑप्शन ओपन रहेगा। किसी भी तिमाही से पहले जी एस टी पोर्टल पर ऑप्ट इन (Opt-in) का ऑप्शन लेकर, उस तिमाही में QRMPS योजना में शामिल हुआ जा सकता है।

विशेष :- इस स्कीम में शामिल होने के लिए एग्रीगेट टर्नओवर आधार है। लेकिन योजना का लाभ अलग-अलग जीएसटीएन पर लिया या नहीं लिया जा सकता है। जैसे कि यदि किसी करदाता के PAN पर दो फर्मे रजिस्टर्ड है, और उनका एग्रीगेट टर्नओवर 5 करोड़ से कम है, तो करदाता यदि चाहे तो सिर्फ एक फर्म पर QRMPS योजना ले सकता है, और दूसरे को इससे बाहर रख सकता है।

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3- किन करदाताओं को बाई डिफॉल्ट शामिल कर दिया गया है

वे सभी करदाता करदाता जिनका वित्तीय वर्ष 2019-20 का एग्रीगेट टर्नओवर 5 करोड से कम कम था, उन्हें इस स्कीम में सिस्टम के द्वारा बाई डिफॉल्ट शामिल कर दिया गया है। लेकिन जिन डीलरों का अक्टूबर माह का GSTR-3B, 30 नवंबर तक दाखिल नहीं था, उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त जो डीलर GSTR-1 मासिक आधार पर फाइल करते थे, उन्हें भी इसमें शामिल  नहीं किया गया है।

4- QRMPS का विकल्प किस प्रकार लिया या छोड़ा जा सकता है ?

यदि कोई करदाता जिसे जीएसटी पोर्टल द्वारा बाय डिफॉल्ट QRMPS में शामिल कर दिया गया है, और वह उससे बाहर होना चाहता है, तो उसके लिए उसे निम्न फ्लो प्रोसेस का पालन करना होगा :-

  • पोर्टल पर लॉगिन करने के पश्चात सर्विस मेनू में जाकर रिटर्न पर जाना होगा, और वहां से रिटर्न डैशबोर्ड पर जाकर आप्ट-आउट को सेलेक्ट करना करना होगा

            इसी प्रकार यदि कोई करदाता इस स्कीम को आप्ट करना चाहता है तो, उसे आप्ट इन सिलेक्ट करना होगा जिसके लिए उसे निम्न फ्लो प्रोसेस का पालन करना होगा :-

  • पोर्टल पर लॉगिन करने के पश्चात सर्विस मेनू में जाकर रिटर्न पर जाना होगा, और वहां से रिटर्न डैशबोर्ड पर जाकर आप्ट-इन को सेलेक्ट करना करना होगा

            विशेष:- इस बात का ध्यान रखना होगा कि यह ऑप्शन प्रयोग करने से पहले उस दिनांक तक की सारी पेंडिंग रिटर्न दाखिल होनी चाहिए। करदाता जिस तिमाही से QRMPS में शामिल होना चाहता है उस तिमाही के लिये कोई GSTR-1 का डेटा पोर्टल पर सेव(SAVE) नहीं होना चाहिये।

            किसी तिमाही का आप्ट-इन/ आप्ट-आउट का विंडो उस तिमाही के पहले की तिमाही के दूसरे माह के प्रथम दिन से उस तिमाही के  पहले माह के अंतिम दिन तक ओपन रहेगा, अर्थात यदि किसी  करदाता को प्रथम तिमाही (अप्रैल से जून) में QRMPS में शामिल होना है या बहार आना है तो, उसका विंडो 1 फरवरी से 30 अप्रैल तक ओपन रहेगा, यदि वह इसे आप्ट इन करता है तो वह अप्रैल से जून की तिमाही के लिए इस योजना में प्रवेश कर जायेगा। आप्ट-इन/ आप्ट-आउट करने की तिथि वार सारणी नीचे दी गई है –

क्रमांक

तिमाही

तिमाही माह

विडो ओपन होने की तिथि

1

प्रथम (Q1)

अप्रैल, मई, जून

1 फरवरी से 30 अप्रैल

2

द्वितीय (Q2)

जुलाई, अगस्त, सितम्बर

1 मई से 31जुलाई

3

तृतीय (Q3)

अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर

1 अगस्त से 31अक्टूबर

4

चतुर्थ (Q4)

जनवरी, फरवरी, मार्च

1 नवम्बर से 30 जनवरी

             एक बार इसे आप्ट इन कर लेने के बाद तभी वह इस स्कीम से तभी बाहर निकल पाएगा, जब वह स्वयं इस स्कीम से आप्ट आउट कर जाए, अथवा किसी भी क्वार्टर में उसका एग्रीगेट टर्नओवर 5 करोड़ से ऊपर हो जाए,अर्थात एक बार आप्ट इन कर लेने के बाद व्यापारी को प्रत्येक तिमाही में या आप्ट इन का ऑप्सन नहीं लेना होगा।

5- QRMPS नए पंजीयन वाले व्यापारी पर किस प्रकार लागू होगी ?

            नए पंजीयन वाले व्यापारी जिस तिथि को पंजीयन ग्रांट हो रहा है, उस तिथि की आप्ट इन के आधार पर QRMPS ले सकेंगे, जैसे कि यदि किसी करदाता को 31/01/2021 को पंजीयन प्राप्त होता है और उसी दिन उसने आप्ट इन के माध्यम से QRMPS ले ली  तो वह जनवरी से मार्च के तिमाही से QRMPS में प्रवेश कर जाएगा। लेकिन यदि उसे पंजीयन 1 फरवरी 2021 को मिलता है और वह आप्ट इन के माध्यम से QRMPS में आता है, तो उसे पंजीयन इस योजना में प्रवेश अप्रैल कि शुरू होने वाली तिमाही से मिलेगा, और फरवरी और मार्च के रिटर्न उसे मासिक योजना के आधार पर दाखिल करनी होगी।

6- QRMPS में इनवाइस फर्निशिंग फैसिलिटी (IFF) क्या है ?

            इस योजना में GSTR-1और GSTR-3B दोनों तिमाही आधार पर दाखिल करनी होगी, ऐसे में अगली समस्या यह आएगी की,करदाता अपने क्रेता को किस प्रकार नियमित आईटीसी ट्रांसफर कर पाएगा, यदि वह GSTR-1 तिमाही आधार पर दाखिल करता है, इस समस्या को दूर करने के लिए इनवॉइस फर्निशिंग फैसिलिटी की सुविधा करदाता को दी गई है।

            इस सुविधा के अंतर्गत करदाता प्रत्येक माह की इनवॉइस को अगले माह की 13 तारीख तक अपलोड कर सकेगा, इसमें वह 4बी,66सी, 66बी, 66 सी 66 सी सी के कॉलम जो gstr-1 में बने होते हैं B2B सप्लाई के लिए भर सकेगा, और कालम 9999 क्रेडिट डेबिट नोट संशोधित b2b इन वॉइस और संशोधित क्रेडिट डेबिट नोट क्रमशः के लिए दाखिल कर सकेगा।

परंतु इसमें कुछ शर्ते हैं :-

  1. किसी माह की इनवॉइस अगले माह की 13 तारीख के बाद अपलोड नहीं की जा सकेगी इनवॉइस सबमिट और फाइल दोनों 13 तारीख तक हो जानी चाहिए।
  2. यदि किसी इनवॉइस में जो कि अपलोड कर दी गई है, के डाटा को रिवाइज करना है तो सम्मिट अथवा फाइल होने के पश्चात उसे रिवाइज नहीं किया जा सकेगा, लेकिन यदि इनवॉइस सेव है तो उसे रिसेट कर रिवाइज किया जा सकता है।
  3. इनवॉइस को सेव और सबमिट करने के पश्चात वह क्रेता के 2A में दिखाई पड़ेगा, और फाइल करने के पश्चात वह 2B में दिखाई देगा
  4. यदि कोई इनवॉइस अपलोड करना रह गया है, तो उसे अगले माह रिपोर्ट कर सकते हैं, इसी से R1 भी अपडेट हो जाएगी, इसके लिए कोई भी लेट फीस या पेनल्टी नहीं लगाई जाएगी।

इसका फ्लो प्रोसेस नीचे है:-

            पोर्टल पर लॉगिन करने के पश्चात सर्विस मेनू में जाकर रिटर्न पर जाना होगा, और वहां से रिटर्न डैशबोर्ड पर जाकर फाइल रिटर्न पेज सिलेक्ट करना होगा, इसके बाद क्रमशः फाइनेंशियल ईयर, रिटर्न फाइनेंशियल ईयर एंड रिटर्न पीरियड, सर्च पेंडिंग आईआईएफ फार्म फॉर मंथ वन एंड टू को सेलेक्ट कर इनवॉइस अपडेट करना होगा

            फाइल करने के बाद व्यू आईआईएफ फॉर्म, फाइल रिटर्न ट्रैक, रिटर्न स्टेटस ऑप्शन का प्रयोग करके अपडेट डिटेल को चेक किया जा सकता है और समरी जनरेट की जा सकती है।

7- QRMPS में PMT-06 से पेमेंट किस प्रकार की जाएगी ?

            क्यूआर एमपीएस योजना में किसी तिमाही के पहले दो माह का टैक्स अगले माह की 25 तारीख तक pmt-06 के माध्यम से देना होगा। टैक्स की देयता किस विधि से निर्धारित की जाएगी, इसके लिए दो ऑप्शन पोर्टल पर दिए गए हैं:-

         (1) फिक्स सम मेथड और

         (2) सेल्फ एसेसमेंट मेथड

            फिक्स सम मेथड के अंतर्गत यदि करदाता तिमाही करदाता है, तो पिछली तिमाही में जितना टैक्स करदाता ने कैश लेजर से दिया है, उसका 35% ऑटो कैलकुलेट होकर चालान में आ जाएगा। इसी प्रकार यदि करदाता पहले मंथली पेमेंट करता था, तो पिछले महीने करदाता द्वारा जितना टैक्स कैश लेजर से दिया गया था, वह पूरी राशि ऑटो पापुलेट होकर चालान में आ जाएगी, जिसे प्रतिमाह करदाता को देना है।

            यदि कोई करदाता ऐसा है जिसकी आईटीसी और कैश लेजर का मिलान 35% के फिक्स अमाउंट से अधिक या कम रहता है, तो ऐसे करदाता को सेल्फ एसेसमेंट मेथड (self-assessment) मेथड के माध्यम से अपना कर देना चाहिए, जिसमें वह अपनी एक्चुअल टैक्स लायबिलिटी को आईटीसी से समायोजित करने के पश्चात जितना टैक्स बनेगा, उसे कैश लेजर में रखेगा और तिमाही समाप्त होने पर GSTR-3 के माध्यम से दाखिल कर देगा।

परंतु इसमें कुछ शर्ते हैं :-

➤यह ध्यान रखने योग्य बात है कि, यदि किसी करदाता के इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर और क्रेडिट लेजर में पर्याप्त अमाउंट है, तो उसे PMT-06 की आवश्यकता नहीं है 
इसी प्रकार यदि किसी कारदाता की टैक्स लायबिलिटी निल है, तो उसे भी PMT-06 की आवश्यकता नहीं है।
QRMPS के तहत PMT-06 के माध्यम से जमा किये गये अमाउंट का न तो करदाता रिफंड ले सकता है, और ना ही उसे किसी और मद में अर्जेस्ट कर सकता है। 
➤PMT-06 के माध्यम से जमा की गयी राशि का प्रयोग जीएसटीआर 3B की तिमाही रिटर्न फाइल करते समय ही किया जा सकेगा।
इसी प्रकार यदि किसी करदाता द्वारा QRMPS के लिये फिक्स सम मेथड से टैक्स अमाउंट जमा किया गया है, लेकिन तिमाही समाप्त होने पर उसकी टैक्स लायबिलिटी जमा 35% से अधिक आती है तो, उससे एक्स्ट्रा अमाउंट पर कोई इंटरेस्ट नहीं लिया जाएगा।

यह आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेंट बाक्स में जरूर बतायें, जिससे आर्टिकल में सुधार करइसे और उपयोगी बनाया जा सकेआर्टिकल  को पूरा पढने के लिए धन्यवाद 

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