जीएसटी में आधार ऑथेंटिकेशन क्या है? जीएसटी रेजिस्ट्रेसन में आधार ऑथेंटिकेशन कैसे करे? जीएसटी में ई-केवाईसी कैसे करे ( GST me EKYC ...
जीएसटीएन ने 6 जनवरी 2021 से एक नई सुविधा जीएसटी पोर्टल पर दी है, जैसे ही कोई पंजीकृत व्यक्ति जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन करेगा, उसे आधार ऑथेंटिकेशन का पॉपअप मैसेज दिखाई पड़ेगा । यदि मैसेज में यस/Yes पर क्लिक करेंगे तो आधार ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, और यदि रिमाइंड मी लेटर/ Reminder me later पर क्लिक करेंगे, तो यह मैसेज हट जाएगा और आप पोर्टल पर आप अपना सामान्य कार्य कर सकेंगे।
आधार ऑथेंटिकेशन के समय पंजीकृत व्यक्ति अथवा पंजीयन आवेदन दाखिल करने वाले व्यक्ति को एक समस्या आ रही है कि, यदि उसके आधार पर उसका मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी रजिस्टर्ड नहीं है, अथवा गलत रजिस्टर्ड है, अथवा इनएक्टिव हैं, तो ऐसी स्थिति में उसे अपने मोबाइल नंबर और ईमेल से ओटीपी प्राप्त नहीं हो पाता है, और वह आधार ऑथेंटिकेट नहीं हो पाता है।
आधार ऑथेंटिकेट नहीं हो पाने से पंजीयन में समस्या आती है । प्रायः जीएसटी अधिकारी ऐसे व्यापारियों का आधार कार्ड चेक करते है, और स्पॉट वेरिफिकेशन करते हैं, जिससे कि ऐसे व्यापारियों को जीएसटी पंजीयन में समय लगता है।
लेकिन जो व्यापारी
मौजूदा समय में पंजीकृत है, यदि अपना आधार ऑथेंटिकेट कराना चाहते हैं, लेकिन आधार
ऑथेंटिकेशन में कोई समस्या है तो वह ईकेवाईसी के माध्यम से अपने डॉक्यूमेंट अपलोड
कर सकते हैं, जिसे जीएसटी अधिकारी वेरीफाई करेगा और वेरीफाई हो जाने के बाद
ईकेवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी।
आधार ऑथेंटिकेशन कैसे होगा :-
जब पंजीकृत व्यक्ति अपने जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन करेगा, तो उस समय एक पॉपअप मैसेज दिखेगा “उड यू लाइक टू ऑथेंटिकेट आधार ऑफ पार्टनर/ प्रमोटर एंड प्राइमरी ऑथराइज्ड सिग्नेटरी?” नीचे दो विकल्प “यस नेविगेट टू माय प्रोफाइल” और “रिमाइंड मी लेटर” उपलब्ध होगे।यदि रिमाइंड मी लेटर पर क्लिक किया जाएगा तो मैसेज समाप्त हो जाएगा और पोर्टल पर सामान्य रूप से कार्य किया जा सकेगा यस नेविगेट टू माय प्रोफाइल पर क्लिक करने पर सिस्टम माय प्रोफाइल पर जाएगा।
जहां पर एक नया टाइप आधार ऑथेंटिकेशन स्टेटस का दिखेगा,आधार प्रमाणीकरण स्थित पेज पर SEND AADHAAR AUTHENTICATION LINK टैब का विकल्प चुनने पर प्रदर्शित सूची में से 1 प्रमोटर / पार्टनर का चयन कर सकते हैं। (प्राथमिक प्रमाणीकरण के लिए प्राथमिक प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता को हर बार ऑटो-चुना जाएगा)।
जहां एक लिंक एक बार जब आप SEND AADHAAR AUTHENTICATION LINK पर क्लिक करते हैं, तो एक प्रमाणीकरण (ऑथेंटिकेशन) लिंक
GST पंजीकृत मोबाइल नंबर और प्रमोटरों / भागीदारों और अधिकृत
हस्ताक्षरकर्ताओं के ई-मेल आईडी पर भेजा जाता है। यह लिंक केवल 15 दिनों के लिए वैध होगा, जिसके बाद लिंक की समय सीमा
समाप्त हो जाती है और इसे आधार प्रमाणीकरण(ऑथेंटिकेशन) के लिए उपयोग नहीं किया जा
सकता है।
यदि लिंक की समय सीमा समाप्त हो जाती है, तो करदाता को आधार प्रमाणीकरण लिंक को फिर से भेजना होगा। यदि प्राथमिक अधिकृत व्यक्ति ही प्रमोटर और पार्टनर है, तो केवल प्राथमिक अधिकृत व्यक्ति का ही आधार ऑथेंटिकेशन होगा।
आधार प्रमाणीकरण लिंक
पंजीकृत ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा, दोनों पर
प्राप्त ओटीपी समान होगा। आधार प्रमाणीकरण लिंक भेजे जाने के बाद, जीएसटी पोर्टल पर लॉग ऑन करने पर स्क्रीन पर कोई पॉप-अप संदेश नहीं आएगा।
हालाँकि, प्रमाणीकरण पूरा होने तक, करदाता
को 5, 10 वें और 15 वें दिन आधार
प्रमाणीकरण के लिए तीन ईमेल रिमाइंडर प्राप्त होंगे।
आधार प्रमाणीकरण लिंक दो व्यक्तियों को भेजा जायेगा, यदि दोनों ने आधार को प्रमाणित करने का प्रयास किया और उनमें से एक व्यक्ति का प्रमाणीकरण सफलतापूर्वक हो गया लेकिन दूसरा असफल रहा। इसके बाद करदाता जब भी जीएसटी पोर्टल में प्रवेश करेगा तो उसे आधार ऑथेंटिकेशन का पॉप अप फिर से दिखाई देगा।
यदि करदाता फिर से सत्यापन लिंक भेजने का विकल्प चुनता है, तो वह लिंक केवल उसी व्यक्ति की ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा, जिसका आधार प्रमाणीकरण (ऑथेंटिकेशन) फेल हो गया था।
इसी प्रकार यदि एक व्यक्ति ने आधार प्रमाणीकरण (ऑथेंटिकेशन) कर लिया लेकिन दूसरा व्यक्ति नहीं कर पाया और आधार ऑथेंटिकेशन लिंक की समय सीमा समाप्त हो गई तो भी जीएसटी पोर्टल में लॉग इन करने पर आधार ऑथेंटिकेशन का पॉप अप दिखाई देगा, और यदि करदाता फिर से सत्यापन लिंक भेजने का विकल्प चुनता है, तो वह लिंक केवल उसी व्यक्ति की ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा, जिसका आधार प्रमाणीकरण (ऑथेंटिकेशन) की समय सीमा समाप्त हो गई थी।
माय प्रोफाइल पेज पर “सेंड आधार ऑथेंटिकेशन लिंक” के अलावा अपलोड केवाईसी डॉक्यूमेंट का विकल्प भी करदाता को उपलब्ध होगा, जहां से वे पोर्टल पर ईकेवाईसी से संबंधित दस्तावेज को अपलोड कर सकते हैं, जो कि जीएसटी अधिकारी के पास वेरीफाई होने के लिए जाएगी, और जीएसटी अधिकारी के वेरीफाई करने के पश्चात ईकेवाईसी के वैरीफिकेशन की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी ।
जीएसटी में ई-केवाईसी या आधार ऑथेंटिकेशन किस व्यक्ति का होगा (GST me EKYC aur AAdhar Authentication kiska hoga)
जीएसटी में आधारित आधार ऑथेंटिकेशन इस बात पर निर्भर करेगा कि पंजीयन ली जा रही फर्म का कांस्टीट्यूशन आफ बिजनेस कैसा है, अर्थात की वह प्रोपराइटरशिप फर्म है, पार्टनरशिप फर्म है, हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ) है, कंपनी है, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप है, सोसायटी/ क्लब/ ट्रस्ट/ एसोसिएशन आफ परसन है आदि।
महत्वपूर्ण बात यह है कि जीएसटी में अभी आधार ऑथेंटिकेशन को अनिवार्य नहीं किया गया है, अर्थात उनका पंजीयन बिना आधार ऑथेंटिकेशन के भी किया जा सकता है, और मौजूदा करदाता के लिए भी आधार ऑथेंटिकेशन या ईकेवाईसी अनिवार्य नहीं है।
लेकिन यदि नए पंजीयन में अथवा मौजूदा करदाता इसका प्रयोग करते हैं, तो यह उनकी फर्म को अधिक वैधता देगा और संभावना है कि भविष्य में इसे अनिवार्य कर दिया जाएगा । ईकेवाईसी कौन करेगा इसे फिगर के माध्यम से समझाया गया है :-
क्या जीएसटी में केवाईसी और आधार ऑथेंटिकेशन से किसी व्यक्ति को छूट प्राप्त है :-
हां सरकारी विभाग, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (पी
एस यू), सांविधिक संस्था जो सरकार द्वारा स्थापित की जाती है, लोकल अथॉरिटी जैसे
कि नगर पंचायत, नगर पालिका आदि और को आधार ऑथेंटिकेशन से छूट प्राप्त है
ईकेवाईसी क्या है, और कब होगा, इसमें कौन से डॉक्यूमेंट अपलोड करने है:-
सामान्य रूप से पहले आधार ऑथेंटिकेशन किया जाएगा, लेकिन यदि किसी पंजीकृत व्यक्ति का किसी कारणवश आधार ऑथेंटिकेट नहीं हो पा रहा है तो, वह ईकेवाईसी कर सकता है।
ईकेवाईसी और आधार ऑथेंटिकेशन दोनों अलग है, ईकेवाईसी करने के बाद आधार ऑथेंटिकेशन भी किया जा सकता है ई-केवाईसी के लिए नीचे दिए गए कोई भी डॉक्यूमेंट को सिलेक्ट करना होगा और उसे अपलोड करना होगा अपलोड की जाने वाली फाइल जेपीजी या पीडीएफ फॉर्मेट में हो सकती है लेकिन उसकी अधिकतम साइज 2MB से ज्यादा नहीं होनी चाहिए –
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट
- वोटर आई डी कार्ड
- के वाई सी फार्म
- सक्षम अधिकारी द्वारा जारी सर्टिफिकेट
- अन्य सक्षम डॉक्यूमेंट
एक बार करदाता ने डॉक्यूमेंट अपलोड कर देने के बाद एक “एआरएन (ARN)” जनरेट हो जाएगा और यह डॉक्यूमेंट जीएसटी अधिकारी के पास वेरीफाई होने के लिए जाएगा जो डॉक्यूमेंट को वेरीफाई या अस्वीकार कर सकते हैं।
जीएसटी अधिकारी के
वेरीफाई करने के पश्चात ईकेवाईसी के वैरीफिकेशन की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी, यदि जीएसटी
अधिकारी के द्वारा डॉक्यूमेंट को अस्वीकार कर दिया जाता है, तो करदाता को पॉपअप
मैसेज दुबारा लॉग इन करते समय दिखने लगेगा और वह फिर से ईकेवाईसी के वैरीफिकेशन की
प्रक्रिया को कर सकता है।
यह आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेंट बाक्स में जरूर बतायें, जिससे आर्टिकल में सुधार कर, इसे और उपयोगी बनाया जा सके, आर्टिकल को पूरा पढने के लिए धन्यवाद ।
कोई टिप्पणी नहीं