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जीएसटी एक्ट में टीडीएस के नियम | GST ME TDS KE NIYAM

टीडीएस का नाम आते ही सामान्य रूप से हमें इनकम टैक्स में होने वाले टैक्स की कटौती याद आती है। कम लोग ही इस संबंध में जानते हैं कि ,   जीएसटी...

टीडीएस का नाम आते ही सामान्य रूप से हमें इनकम टैक्स में होने वाले टैक्स की कटौती याद आती है। कम लोग ही इस संबंध में जानते हैं कि, जीएसटी एक्ट में टीडीएस के नियम और प्रावधान है। जीएसटी एक्ट 2017 के सेक्शन 51 और नियम-66 में टीडीएस के नियम, और प्रावधान किये गए हैं।इस आर्टिकल में जीएसटी एक्ट में टीडीएस के प्रावधानों को विस्तार से निम्न शीर्षकों के अंतर्गत बताया गया है-

जीएसटी एक्ट में टीडीएस का मुख्य उद्देश्य क्या है

➧टीडीएस कौन काटेगा

➧टीडीएस डिडक्टर का पंजीयन

➧टीडीएस कब काटा जाएगा

➧कटौती की शर्ते और कटौती की राशि

➧निम्नलिखित स्थितियों में टीडीएस कटौती की आवश्यकता नहीं है

➧टीडीएस कटौतीकर्ता (डिडक्टर) का रिटर्न

➧टीडीएस कटौतीकर्ता (डिडक्टर) का रिफंड

➧टीडीएस कटौतीकर्ता (डिडक्टर) पर लेट फीस और पेनाल्टी के प्रावधान

आपूर्तिकर्ता को टीडीएस का लाभ 


 जीएसटी एक्ट में टीडीएस का मुख्य उद्देश्य क्या है:-

टीडीएस का मुख्य उद्देश्य सरकार के लिए एडवांस के रूप में राजस्व का संग्रह है, जिसमें जमा होने वाले कर की कुछ मात्रा पहले ही प्राप्त कर ली जाती है, और बाद में उस टैक्स का लाभ करदाता को अपना रिटर्न फाइल करते समय मिल जाता है।

इसके अतिरिक्त इसका दूसरा महत्वपूर्ण उद्देश्य है, ट्रांजैक्शन की श्रृंखला की जांच करना, और उसकी उचित मॉनिटरिंग करना, जिससे कि टैक्स चोरी को रोका जा सके।

टीडीएस कौन काटेगा:-  

राज्य सरकार व केंद्र सरकार का सरकारी विभाग
स्थानीय निकाय
सरकारी एजेंसी

कोई भी व्यक्ति अथवा वर्ग जिसे सरकार जीएसटी काउंसिल की संतुति पर नोटिफाई करें।
इस प्रकार नोटिफिकेशन नंबर- 33/2017, 18 सितंबर 2017 और नोटिफिकेशन नंबर 50/2018, 13 सितंबर 2018 के अंतर्गत नोटीफाई किया गया जिसके अंतर्गत-

कोई अथॉरिटी या बोर्ड अथवा कोई भी इकाई जो कि संसद, राज्य की विधान सभा अथवा सरकार द्वारा स्थापित हो जिसमें सरकार की 51% की भागीदारी हो।
इसके अतिरिक्त कोई भी सोसाइटी जो कि राज्य, केंद्र अथवा स्थानीय प्राधिकार द्वारा स्थापित किये गए हो तथा सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1807 के अंतर्गत पंजीकृत हों।
पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (पीएसयू / PSUs)।

 टीडीएस डिडक्टर का पंजीयन:-

उक्त वर्गीकरण के अंतर्गत आने वाले निकायों का  टीडीएस डिडक्शन करने के लिए जीएसटी के अंतर्गत पंजीयन होना अनिवार्य है, यह पंजीयन सामान्य पंजीयन नहीं होगा बल्कि टीडीएस डिडक्टर के रूप में लिया जाने वाला पंजीयन होगा। 

यह पंजीयन व्यक्ति अथवा संस्था को जारी पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) अथवा टीडेन (टैक्स डिडक्सन एंड कलेक्शन अकाउंट नंबर) आधारित होगा। यदि कोई विभाग कुछ वस्तुओं / सेवाओं की सप्लाई भी करता है, जो जीएसटी के अंतर्गत कर योग्य हैं, और टीडीएस भी काटता है, तो उसे टीडीएस डिडक्टर के रूप में और करदाता के रूप में दो अलग- अलग पंजीयन लेने होंगे।

टीडीएस कब काटा जाएगा:-

यदि किसी एक कांटेक्ट के अंतर्गत की जाने वाली सप्लाई का मूल्य 250000 से अधिक है, तो उस पर टीडीएस की कटौती की जायेगी। 

जैसे- यदि किसी वस्तु या सेवा की आपूर्ति किसी पंजीकृत व्यक्ति द्वारा की जा रही है, और जो वस्तु या सेवा दी जा रही है, उसका मूल्य 2.5 लाख रूपये से कम है, परन्तु वह वस्तु या सेवा जिस अनुबंध/कांटेक्ट के अधीन दे जा रही है, वह 250000 से अधिक है, तो उस पर टीडीएस की कटौती की जायेगी।

कटौती की शर्ते और कटौती की राशि:-

कर योग्य आपूर्ति का कुल मूल्य एकल अनुबंध (single contract) के तहत (टैक्स और सेस की राशि को हटा कर) 2.5 लाख रु या अधिक होना चाहिये।

यदि कोई अनुबंध/कांटेक्ट करयोग्य आपूर्ति और करमुक्त आपूर्ति दोनों के लिए किया जाता है, और अनुबंध में कर योग्य आपूर्ति का कुल मूल्य 2.5 लाख रूपये या अधिक है, तभी कटौती की जाएगी यदि अनुबंध में कर योग्य आपूर्ति का कुल मूल्य 2.5 लाख रूपये से कम हो भले ही अनुबंध/कांटेक्ट का मूल्य 2.5 लाख रूपये या अधिक हो, तो कटौती नहीं की जाएगी है।

कटौती का कल्कुलेसन टैक्स इनवॉइस में केंद्रीय कर(सी.जी.एस.टी.), राज्य कर(एस.जी.एस.टी.), संघ राज्य कर(यूटी.जी.एस.टी.), एकीकृत कर(आई.जी.एस.टी.) और उपकर(सेस) को छोड़कर शेष राशि पर लिया जाएगा।

जहां आपूर्तिकर्ता का स्थान और आपूर्ति का स्थान एक ही राज्य / केंद्र शासित प्रदेश में है, यह एक अंतर-राज्यीय आपूर्ति है, तो 2% की दर (सीजीएसटी अधिनियम के तहत 1% की दर से और एसजीएसटी / यूटीजीएसटी अधिनियम के तहत 1% की दर से) से TDS कटौती की जायेगी । 

इसी प्रकार जहां आपूर्तिकर्ता का स्थान राज्य A में है और आपूर्ति का स्थान राज्य B में है, वहां यह एक अंतर-राज्यीय आपूर्ति है और IGST अधिनियम के तहत  2% की दर से TDS कटौती की जायेगी।

निम्नलिखित स्थितियों में टीडीएस कटौती की आवश्यकता नहीं है:- 

यदि किसी एक कांटेक्ट के अंतर्गत की जाने वाली सप्लाई का मूल्य 250000 से कम है।

यदि किसी एक कांटेक्ट के अंतर्गत कर योग्य आपूर्ति और कर मुक्त आपूर्ति दोनों के लिए अनुबंध हुआ है, और अनुबंध  का कुल मूल्य 2.5 लाख  से अधिक है, लेकिन कर योग्य आपूर्ति का मूल्य 2.5 लाख  से कम है।

उन सेवाओं को प्राप्त करना जो कर मुक्त हैं अथवा जिन्हें छूट दी गई हैं। उदाहरण के लिए अधिसूचना संख्या 12/2017 केंद्रीय कर (दर) दिनांक 28/06/2017 के तहत जी एस टी से छूट प्राप्त सेवाएं।

अनुबंध के अंतर्गत उन वस्तुओं की सप्लाई लेना जिन्हें जी एस टी से छूट प्राप्त है, उदाहरण के लिए अधिसूचना संख्या 2/2017 केंद्रीय कर (दर) दिनांक 28/06/2017 के तहत छूट प्राप्त वस्तुएं।

जिन वस्तुओं पर जीएसटी लगाया नहीं गया है। उदाहरण के लिए पेट्रोल, डीजल, पेट्रोलियम क्रूड, प्राकृतिक गैस, विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) और मानव उपभोग के लिए शराब।

यदि आपूर्तिकर्ता का स्थान और आपूर्ति का स्थान एक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में है जबकि प्राप्तकर्ता/ कटौतीकर्ता का रजिस्ट्रेशन किसी राज्य में है:-



जहां आपूर्तिकर्ता ने 01.07.2017 से पहले वैट कानून के तहत स्रोत पर कर की कटौती के लिए माल की किसी भी बिक्री के लिए एक बिल जारी किया था, लेकिन ऐसी बिक्री के लिए भुगतान 01.07.2017 को या उसके बाद किया जाता है [धारा 142 (13)]

जहां भुगतान उस टैक्स इनवाइस से संबंधित है, जो 01/10/2018 से पहले जारी किया गया है।

जहां एडवांस के रूप में 01/10/2018 से पहले किसी भी राशि का भुगतान किया गया था और एडवांस में किये भुगतान की सीमा तक 01/10/18 को या उसके बाद टैक्स इनवाइस जारी किया गया है।

जहां प्राप्तकर्ता द्वारा रिवर्स चार्ज पर कर का भुगतान किया जाना है।

जहां भुगतान अनरजिस्टर्ड सप्लायर को किया जाता है।

जहां भुगतान "सेस" से संबंधित है।

 टीडीएस कटौतीकर्ता (डिडक्टर) का रिटर्न :-

इस धारा के तहत स्रोत पर कर की कटौती करने के लिए पंजीकृत व्यक्ति कटौतीकर्ता (डिडक्टर) को उस महीने के अंत के बाद दस दिनों के भीतर FORM GSTR-7 के रूप में रिटर्न भरते हुए भुगतान किया जाएगा।

कटौतीकर्ता द्वारा टीडीएस कटौती का प्रमाण-पत्र (FORM GSTR-7A) कटौती के 5 दिनों के भीतर आपूर्तिकर्ता को जारी किया जायेगा।

नोट- अब यह प्रमाणपत्र GSTR-7 दाखिल होने के बाद सिस्टम द्वारा आपूर्तिकर्ता को जारी हो जाता है।

जिस माह कटौतीकर्ता (डिडक्टर) के रूप में पंजीकृत व्यक्ति द्वारा कोई कटौती नहीं की गयी है, उसे उस माह का रिटर्न (FORM GSTR-7) भरने की आवश्यकता नहीं है।

कटौतीकर्ता (डिडक्टर) के रूप में पंजीकृत व्यक्ति द्वारा वार्षिक रिटर्न(GSTR-9) दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है।

टीडीएस कटौतीकर्ता (डिडक्टर) का रिफंड :-

कटौतीकर्ता को कटौती या अतिरिक्त या गलत कटौती के कारण उत्पन्न होने वाली कटौती का रिफंड धारा-54 के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा, बशर्ते कि कटौती करने वाले को कोई वापसी नहीं दी जाएगी, अगर कटौती की गई राशि को आपूर्तिकर्ता के इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर में ट्रान्सफर कर दिया गया हो।

टीडीएस कटौतीकर्ता (डिडक्टर) पर लेट फीस और पेनाल्टी के प्रावधान :-

यदि कटौतीकर्ता (डिडक्टर) स्रोत पर कर में कटौती करने के बाद सरकार को कटौती की गई राशि के जमा करने के पाँच दिनों के भीतर प्रमाण-पत्र को प्रस्तुत करने में विफल रहता है, तो पांच दिन की अवधि समाप्त होने के बाद प्रत्येक दिन के लिये 100 रुपये प्रति दिन, अधिकतम पांच हजार रुपये तक लेट फीस/विलंब शुल्क लिया जायेगा।

नोट- अब यह प्रमाणपत्र GSTR-7 दाखिल होने के बाद सिस्टम द्वारा आपूर्तिकर्ता को जारी हो जाता है।

इसी प्रकार यदि स्रोत पर कर में कटौती करने के बाद कटौतीकर्ता (डिडक्टर) अगले माह में दस दिनों के भीतर FORM GSTR-7 के रूप में रिटर्न भरते हुए जमा नहीं करता तो, उस पर 18% वार्षिक की दर से ब्याज की देयता भी निर्धारित होगी, साथ ही कर अधिकारी द्वारा अर्थदंड भी लगाया जा सकता है

आपूर्तिकर्ता को टीडीएस का लाभ :-

कटौतीकर्ता (डिडक्टर) द्वारा स्रोत पर कर में की गयी कटौती की राशि आपूर्तिकर्ता को उसके कैश लेजर में प्राप्त हो जायेगी जिसका लाभ आपूर्तिकर्ता द्वारा नियमित दाखिल की जाने वाली रिटर्न में अपनी देयताओ/ लाईबिलिटी को सेट ऑफ़ करने में किया जा सकता है।

यह आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेंट बाक्स में जरूर बतायें, जिससे आर्टिकल में सुधार करइसे और उपयोगी बनाया जा सकेआर्टिकल  को पूरा पढने के लिए धन्यवाद 

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