सभी अप्रत्यक्ष करों को एक साथ मिलाकर जीएसटी अर्थात गुड्स एंड सर्विस टैक्स, जुलाई 2017 में लाया गया था। इस टैक्स में किसी भी प्रकार के परिवर्...
सभी अप्रत्यक्ष करों को एक साथ मिलाकर जीएसटी अर्थात गुड्स एंड सर्विस टैक्स, जुलाई 2017 में लाया गया था। इस टैक्स में किसी भी प्रकार के परिवर्तन, नियंत्रण, या नीतिगत फैसले जीएसटी परिषद (जीएसटी काउंसिल) द्वारा लिए जाते हैं। ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता है कि, जीएसटी परिषद (जीएसटी काउंसिल) क्या है, और इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी?
इस आर्टिकल मे हम यह जानेगें कि-
➤जीएसटी परिषद (जीएसटी काउंसिल) क्या है
➤जीएसटी परिषद की स्थापना
➤जीएसटी परिषद का गठन
➤जीएसटी परिषद का अध्यक्ष
➤जीएसटी परिषद के कार्य
➤जीएसटी परिषद मे निर्णय लेने की प्रक्रिया
जीएसटी परिषद (जीएसटी काउंसिल) क्या है? और इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी?
भारत एक संघीय देश है, संघीय देश से तात्पर्य होता है, जहां राज्य और केंद्र का सह-अस्तित्व और समन्वय होता है। भारत की राजनीतिक सांस्कृतिक और आर्थिक व्यवस्थाओं में यह संघवाद स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है। भारतीय संविधान में संघवाद की व्यापक व्यवस्था की गई है, और इसके लिए विभिन्न अनुच्छेद है, जो केंद्र और राज्यों के मध्य सहयोग और समन्वय स्थापित करते हैं।
जब भारत में अप्रत्यक्ष करों को मिलाकर गुड्स और सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लाया गया, तो यह संघवाद के लिए भी एक चुनौती थी, क्योंकि अप्रत्यक्ष करों में प्रमुख कर सेंट्रल एक्साइज केंद्र के अधीन था, और मूल्य वर्धित कर राज्यों के अधीन था, और इन दोनों का विलय गुड्स और सर्विस टैक्स (जीएसटी) में होना था।
संघवाद की इस मूल भावना को बनाए रखने और जीएसटी में नियंत्रण समन्वय और राज्य और केंद्र की सहभागिता को सुरक्षित करने के लिए जीएसटी काउंसिल की स्थापना की गई।
जीएसटी परिषद की स्थापना
संविधान मे संविधान संसोधन अधिनियम 101 के द्वारा अनुच्छेद 279A को शामिल किया गया, यह अनुच्छेद राष्ट्रपति को केंद्र और राज्यों के संयुक्त मंच अर्थात् जीएसटी परिषद (जीएसटी काउंसिल) के गठन करने का अधिकार देता है।
जीएसटी परिषद (जीएसटी काउंसिल), वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित मुद्दों पर संघ और राज्य सरकार को सिफारिशें करने के लिए एक संवैधानिक निकाय है।
जीएसटी परिषद से संबंधित प्रावधान 12 सितंबर, 2016 को लागू हुए, और महामहिम राष्ट्रपति द्वारा 15 सितंबर, 2016 को जीएसटी परिषद का गठन किया।
जीएसटी परिषद का गठन
जीएसटी परिषद का गठन निम्न प्रकार है -
अध्यक्ष - केंद्रीय वित्त मंत्री, जिन्हें परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा।
उपाध्यक्ष - जीएसटी परिषद के सदस्य द्वारा, राज्य के मंत्रियों मे से एक को उपाध्यक्ष के रूप में चुना जाता है।
सचिव - केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व सचिव, जीएसटी परिषद के पदेन सचिव होंगें।
जीएसटी परिषद का सचिवालय / कार्यालय - जीएसटी परिषद का सचिवालय / प्रधान कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है। यहां सचिव के अतिरिक्त एक अपर सचिव एवं चार कमिश्नर (ज्वाइंट सचिव रैंक के) एवं कर्मचारी होते हैं।
जीएसटी परिषद के कार्य
जीएसटी परिषद का काम सहकारी संघवाद के उच्च मानकों को स्थापित करना है, यह एक संवैधानिक संघीय निकाय है, जिसमें जीएसटी से संबंधित सभी प्रमुख निर्णय लेने की शक्तियां हैं।
जीएसटी परिषद का लक्ष्य एक व्यापक परामर्श के द्वारा वस्तु और सेवा कर की एक ऐसी व्यवस्था विकसित करना है, जो सूचना प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित और उपयोगकर्ता के अनुकूल हो।
जीएसटी परिषद निम्नलिखित मामलों पर केंद्र और राज्य सरकारों को सिफारिशें देगी:-
केंद्र, राज्यों और स्थानीय निकायों द्वारा आरोपित कर, उपकर और अधिभार, जिन्हें जीएसटी के अंतर्गत शामिल किया जा सकता है।
जीएसटी के अधीन रखे जाने वाली अथवा फ्री रखी जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर सुझाव।
जीएसटी एक्ट की संरचना, अंतर-राज्य व्यापार पर एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST), और प्लेस ऑफ सप्लाई से संबंधी सिद्धांतों पर सुझाव देना।
प्राकृतिक आपदा के दौरान अतिरिक्त संसाधन एकत्र करने और रियायती दरों पर सुझाव।
अरुणाचल प्रदेश, असम, जम्मू और कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश (विशेष श्रेणी के) राज्यों के संबंध में विशेष प्रावधानो पर सुझाव
डीजल, पेट्रोलियम क्रूड, प्राकृतिक गैस, और विमानन टरबाइन ईंधन पर जीएसटी लगाये जाने की तिथि पर सुझाव।
वस्तुओं और सेवाओं के कारोबार की सीमा निर्धारित करना जहां जीएसटी के से छूट हो
जीएसटी की दरों को तार्किक बनाना
परिषद द्वारा जीएसटी संबंधित किसी अन्य विषय पर सुझाव।
उक्त के अतिरिक्त जीएसटी परिषद भारत सरकार और एक या अधिक राज्यों के बीच या किसी राज्य या राज्यों के बीच किसी भी विवाद को सुलझाने के लिए एक तंत्र स्थापित करेगी।
जीएसटी परिषद उक्त कार्यों को करते समय अथवा सुझाव देते समय माल और सेवा कर की एक सामंजस्यपूर्ण संरचना की आवश्यकता और वस्तुओं और सेवाओं के लिए एक सामंजस्यपूर्ण राष्ट्रीय बाजार के विकास के लिए के लिये भी सुझाव देगी।
जीएसटी परिषद अपने कार्यों के निष्पादन में प्रक्रिया का निर्धारण करेगी।
नोट- जीएसटी काउंसिल की अब तक की अंतिम बैठक, 48 वी जीएसटी काउंसिल मीटिंग थी, जो कि 17 दिसंबर 2022 को सम्पन्न हुई।
जीएसटी परिषद मे निर्णय लेने की प्रक्रिया
जीएसटी परिषद की बैठकों के लिए कोरम - जीएसटी परिषद की बैठक में कोरम तभी पूरा होगा जब सदस्यों की कुल संख्या के आधे सदस्य बैठक में अवश्य हो।
GST परिषद की बैठकों की मतदान शक्तियाँ - GST परिषद का प्रत्येक निर्णय एक बैठक में, उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के भारित मतों के कम से कम तीन-चौथाई के बहुमत से पारित होना चाहिए।
भारित मतों की गणना निम्न प्रकार से की जाएगी -
- केंद्र सरकार के वोटों का भार कुल वोटों का एक तिहाई होगा।
- सभी राज्य सरकारों के वोटों को एक साथ मिलाकर कुल वोटों के दो-तिहाई वोटों का भार होगा।
जीएसटी काउंसिल FAQ (एफ. ए. क्यू.) -
👉प्रश्न - जीएसटी परिषद का गठन कब हुआ?
उत्तर - जीएसटी परिषद से संबंधित प्रावधान 12 सितंबर, 2016 को लागू हुए, और महामहिम राष्ट्रपति द्वारा 15 सितंबर, 2016 को जीएसटी परिषद का गठन किया।
👉प्रश्न - जीएसटी परिषद का अध्यक्ष कौन होता है या जीएसटी परिषद का हेड कौन होता है?
उत्तर - केंद्रीय वित्त मंत्री, जीएसटी परिषद का पदेन अध्यक्ष होता है, अर्थात जो भी केंद्रीय वित्त मंत्री होगा वो जीएसटी परिषद का अध्यक्ष भी होगा है।
👉प्रश्न - जीएसटी परिषद के पहले अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर - तात्कालिक केंद्रीय वित्त मंत्री स्व0 अरुण जेटली जीएसटी परिषद के पहले अध्यक्ष थे।
👉प्रश्न - जीएसटी परिषद में कितने सदस्य होते हैं?
उत्तर - जीएसटी परिषद में वर्तमान मे कुल 33 सदस्य हैं, जिनकी सूची दी गयी है -
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