जीएसटी मे ऐसे कई मामले सामने आए हैं , जहां पंजीकृत व्यक्ति द्वारा माल या सेवा अथवा दोनों की वास्तविक आपूर्ति के बिना टैक्स इनवॉइस जारी किये ...
जीएसटी मे ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां पंजीकृत व्यक्ति द्वारा माल या सेवा अथवा दोनों की वास्तविक आपूर्ति
के बिना टैक्स इनवॉइस जारी किये गए हैं, तथा इन फेक
इनवॉइस के प्राप्तकर्ताओं द्वारा धोखाधड़ी से इनपुट टैक्स क्रेडिट
(आईटीसी) का लाभ लिया गया हैं।
इस संबंध मे सीबीआइसी द्वारा परिपत्र संख्या-171 दिनांक 6 जुलाई 2022 को जारी किया गया है, जो की फेक इनवॉइस के मामलों मे लगाए जाने वाले टैक्स, पेनाल्टी एवं ब्याज के संबंध में जीएसटी अधिनियम की किन धाराओं में कार्रवाई की जाएगी, इसकी प्रक्रिया क्या होगी का विस्तार से वर्णन किया गया है।
इस परिपत्र मे विभिन्न स्थितियों तथा उन पर की जाने प्रक्रिया
जारी किया गया है, जो इस प्रकार है-
1.मुद्दा -ऐसे मामले में जहां एक
पंजीकृत व्यक्ति "ए" द्वारा किसी अन्य पंजीकृत व्यक्ति "बी"
को माल या सेवा अथवा दोनों की आपूर्ति के बिना टैक्स इन्वाइस जारी किया गया है, ऐसी
स्थिति में क्या इस तरह के संव्यवहार को जीएसटी अधिनियम की धारा 7 के तहत "आपूर्ति" के रूप में स्वीकार किया जाएगा, और क्या ऐसी स्थिति में उक्त संव्यवहार के संबंध में 'ए', धारा 73 या धारा 74
के प्रावधान अथवा जीएसटी अधिनियम के किसी अन्य के प्रावधानों के तहत
मांग, वसूली और दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा?
स्पष्टीकरण- चूंकि पंजीकृत
व्यक्ति 'ए' द्वारा पंजीकृत व्यक्ति 'बी' को माल या सेवा अथवा दोनों की आपूर्ति के बिना
टैक्स इन्वाइस जारी किया गया है, इसलिए ऐसी गतिविधि जीएसटी
अधिनियम की धारा 7 के तहत परिभाषित "आपूर्ति" के
मानकों को पूरा नहीं करती है, चूंकि जीएसटी अधिनियम की धारा 7
के प्रावधानों के अनुसार ऐसे टैक्स इन्वाइस के संबंध में 'ए' द्वारा 'बी' को कोई आपूर्ति नहीं की गयी है, अतः उक्त संव्यवहार
के लिए 'ए' के खिलाफ जीएसटीअधिनियम की
धारा 73 या धारा 74 के प्रावधानों के तहत
कोई कर देयता निर्धारित नहीं होती है, और तदनुसार धारा 73 या धारा 74 के प्रावधानों के तहत कोई दंडात्मक
कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है।
यद्यपि पंजीकृत व्यक्ति 'ए'
पर माल या सेवा अथवा दोनों की वास्तविक आपूर्ति के बिना टैक्स
इन्वाइस जारी करने के लिए जीएसटी अधिनियम की धारा 122 (1) (ii) के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी।
2.मुद्दा - एक पंजीकृत व्यक्ति
"ए" ने किसी अन्य पंजीकृत व्यक्ति "बी" को माल या सेवा अथवा
दोनों की आपूर्ति के बिना टैक्स इनवॉयस जारी किया है। 'बी'
उक्त टैक्स इनवॉयस के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करता है।
"बी" आगे अपने खरीदारों को माल या सेवा अथवा दोनों की आपूर्ति के साथ
इनवॉयस जारी करता है, और अपनी उक्त जावक (आउटवर्ड) आपूर्ति
के संबंध में अपनी कर देयता के भुगतान के लिए 'ए' द्वारा जारी किए गए उपर्युक्त “फेक इनवॉयस” के आधार पर प्राप्त आईटीसी का
उपयोग करता है, तो ऐसी स्थिति में क्या 'बी' धारा 73 या धारा 74
के प्रावधान अथवा जीएसटी अधिनियम के किसी अन्य के प्रावधानों के तहत
मांग, वसूली और दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा?
स्पष्टीकरण- चूंकि पंजीकृत व्यक्ति
'बी' ने जीएसटी अधिनियम की धारा 16
(2) (बी) के प्रावधानों के उल्लंघन में, माल
या सेवा अथवा दोनों को प्राप्त किए बिना, उक्त (फेक) टैक्स
इनवॉयस के आधार पर धोखाधड़ी सहित आईटीसी का लाभ लिया है, इसलिये
वह जीएसटी अधिनियम की धारा 74 के प्रावधानों के तहत दंडात्मक
कार्रवाई के साथ, अधिनियम की धारा 50 के
प्रावधानों के तहत लागू ब्याज सहित,उक्त आईटीसी की मांग और
वसूली के लिए उत्तरदायी होगा।
इसके अलावा, जीएसटी
अधिनियम की धारा 75(13) के प्रावधानों के अनुसार, यदि जीएसटी अधिनियम की धारा 74 के तहत 'बी' के खिलाफ आईटीसी के धोखाधड़ी से लाभ लेने या
उपयोग के लिए दंडात्मक कार्रवाई की जाती है, तो उक्त प्रकरण
मे जीएसटी अधिनियम की किसी अन्य धारा (धारा 122 सहित) में
कोई अर्थ दंड की कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
3.मुद्दा - एक पंजीकृत व्यक्ति 'ए'
ने किसी अन्य पंजीकृत व्यक्ति 'बी' को माल या सेवा अथवा दोनों की आपूर्ति के बिना टैक्स इनवॉयस जारी किया है।
'बी' उक्त टैक्स इनवॉइस के आधार पर
इनपुट टैक्स क्रेडिट को प्राप्त करता है, और माल या सेवा अथवा दोनों की आपूर्ति के बिना इनवॉइस जारी करके अन्य
पंजीकृत व्यक्ति 'सी' को उक्त इनपुट
टैक्स क्रेडिट को अग्रसारित करता है, तो ऐसी स्थिति में क्या
'बी' धारा 73 या
धारा 74 के प्रावधान अथवा जीएसटीअधिनियम के किसी अन्य के
प्रावधानों के तहत मांग, वसूली और दंडात्मक कार्रवाई के लिए
उत्तरदायी होगा?
स्पष्टीकरण- इस मामले में, 'बी'
द्वारा अपने इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेज़र में 'ए'
द्वारा बिना माल या सेवा अथवा दोनों की वास्तविक आपूर्ति के जारी
किए गए टैक्स इनवॉयस के आधार पर प्राप्त इनपुट टैक्स क्रेडिट, का उपयोग किया गया है, पुनः 'बी'
द्वारा माल या सेवा अथवा दोनों की
आपूर्ति के बिना 'सी' को टैक्स इनवॉयस
जारी करके इनपुट टैक्स क्रेडिट दिया गया। चूंकि उक्त लेनदेन के संबंध में 'बी' द्वारा 'सी' को माल या सेवा अथवा दोनों की आपूर्ति नहीं की गई है, अतः इस संव्यवहार में 'बी' द्वारा
किसी कर का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। 'बी'
ने माल या सेवा अथवा दोनों की वास्तविक प्राप्ति के बिना, 'ए' द्वारा जारी टैक्स (फेक) इनवॉयस के आधार पर अपने
इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त किया, जो जीएसटी अधिनियम की धारा 16 (2) (बी) के संदर्भ में
अयोग्य है। इसी प्रकार 'बी' द्वारा 'सी' को भी माल या सेवा अथवा या दोनों की आपूर्ति
नहीं की गई थी, अतः उक्त लेनदेन के संबंध में किसी भी कर का
भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
इन विशिष्ट मामलों में, 'बी'
द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट की मांग और
वसूली अथवा 'बी' से 'सी' द्वारा उक्त जावक (आउटवर्ड) लेनदेन के संबंध में
जीएसटी अधिनियम की धारा 73 या धारा 74 के
प्रावधानों के तहत 'बी' पर कर देयता
आवश्यकता नहीं है। ऐसे मामलों में 'बी' माल या सेवा अथवा दोनों की वास्तविक आपूर्ति के बिना (फेक) टैक्स इनवॉयस
जारी करने के लिए और माल या सेवा अथवा दोनों की वास्तविक प्राप्ति के बिना इनपुट
टैक्स क्रेडिट लेने / उपयोग करने के लिए क्रमशः जीएसटी अधिनियम की धारा 122(1)(ii)
और धारा 122(1)(vii) दोनों के तहत दंडात्मक
कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा।
अन्य विवरण
इसके अतिरिक्त सीबीआइसी
ने यह भी स्पष्ट किया है कि, किसी
व्यक्ति के विरुद्ध वास्तविक कार्रवाई और मांग सृजित करने के प्रावधान, मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करेगी, जिसमें उपरोक्त स्थतियों का जटिल मिश्रण शामिल हो सकता है। यह भी संभव है
कि, उपरोक्त किसी भी परिदृश्य से उन्हें कवर न किया गया हो
है। कोई भी व्यक्ति जिसने जीएसटी अधिनियम की धारा 122 की
उप-धारा (1ए) के तहत निर्दिष्ट लेनदेन का लाभ बरकरार रखा है,
और जिनके द्रष्टान्त पर ऐसे लेनदेन किए जाते हैं, उक्त उप-धारा के प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई के लिए भी उत्तरदायी
होगें।
यह भी महत्वपूर्ण है
कि ऐसे मामलों में जहाँ गलत/धोखाधड़ी से इनपुट टैक्स क्रेडिट का उपयोग किया गया है, अथवा माल या सेवा या दोनों की आपूर्ति के बिना (फेक) टैक्स इनवॉयस जारी
करके इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत लाभ या उपयोग किया गया है अथवा रिफंड के मामलों
में, तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर जीएसटी अधिनियम की
धारा 132 के प्रावधान भी निर्दिष्ट शर्तों के अधीन लागू हो
सकते हैं।
नोट- अधिक जानकारी के लीये कृपया सीबीआइसी द्वारा जारी परिपत्र संख्या-171 दि0 06 जुलाई 2022 को देखे ।
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