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जीएसटी ई-वे बिल नियम | Eway Bill Rules in hindi

ईवे बिल के नियम , जी.एस.टी  के नियम-138 में दिये गयें हैं, नियम-138 के कई उपनियम है , जिनमे ईवे बिल के सभी प्रावधानों को विस्तार  से बताया ...


ईवे बिल के नियम
, जी.एस.टी  के नियम-138 में दिये गयें हैं, नियम-138 के कई उपनियम है, जिनमे ईवे बिल के सभी प्रावधानों को विस्तार  से बताया गया है
। इस आर्टिकल में नियम-138 के सभी नियमों और उपनियमों को विस्तार से समझाया गया है -

(1) कोई भी पंजीकृत व्यक्ति माल रवाना करने से पहले जिसका मूल्य 50000 से अधिक होगाकॉमन पोर्टल पर माल के संबंध में जानकारी जो EWB 1 के पार्ट में दी गई हैंऔर साथ में अन्य जानकारीजो कॉमन पोर्टल पर आवश्यक होइलेक्ट्रॉनिक रूप में भरेगा और पोर्टल पर यूनिक नंबर जनरेट होगा

‌माल की रवानगी का कारण सप्लाई/ सप्लाई के अतिरिक्त कोई अन्य कारण/ या अपंजीकृत व्यक्ति से आवक पूर्ति या खरीद हो सकती है ।

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यदि हैंडी क्राफ्ट माल का अंतरराज्य परिवहन हो रहा है तो उसका मूल्य कुछ भी हो, उसका ई वे बिल बनेगा ।

‌यदि जॉब वर्कर और प्रिंसिपल अलग राज्यों में है, और प्रिंसिपल द्वारा माल जॉब वर्कर को भेजा जा रहा है तो ई वे बिल प्रिंसिपल या जॉब वर्कर(यदि पंजीकृत है) बनाएगा (माल के मूल्य की सीमा यहां लागू नहीं होगी)।

50000 के कंसाइनमेंट मूल्य जिस पर ई वे बिल बनेगा, उसके मूल्य का निर्धारण सभी टैक्स, सर चार्ज, सेस आदि को जोड़कर किया जाएगा ।

(2) यदि माल किसी पंजीकृत व्यक्ति द्वारा कंसाइनर या रिसीवर के रूप में अपने निजी वाहन / किराए पर लिए गए वाहन / रेलवे / जलयान द्वारा परिवहित किया जा रहा है, तो वह व्यक्ति कॉमन पोर्टल पर पार्ट बी की जानकारी को पूरा करते हुए ई वे बिल बनायेगा ।

(2A) यदि पंजीकृत व्यक्ति द्वारा सप्लायर या रिसीवर के रूप में माल का परिवहन रेल /वायुयान/ जलयान से किया जा रहा है तो वह पंजीकृत व्यक्ति ही कॉमन पोर्टल पर पार्ट बी पूरा करते हुए ई वे बिल बनाएगा । इस परिस्थिति में रेलवे का आर आर नंबर /एयर कंसाइनमेंट नोट /बिल ऑफ़ लैंडिंग को पार्ट बी में भरा जाएगा ।

यदि माल का परिवहन रेलवे द्वारा किया जा रहा है तो इस नियम के अधीन जब तक ई वे बिल प्रस्तुत नहीं किया जाएगा, रेलवे माल की डिलीवरी नहीं देगा ।

(3) यदि पंजीकृत व्यक्ति द्वारा माल का परिवहन किसी ट्रांसपोर्टर द्वारा सड़क मार्ग से कराया जा रहा है तो ई वे बिल का पार्ट ए पंजीकृत व्यक्ति द्वारा भरा जाएगा और पार्ट ए में दी गई जानकारी के आधार पर ट्रांसपोर्टर कॉमन पोर्टल पर ई वे बिल बनाएगा ।

यदि पंजीकृत व्यक्ति या ट्रांसपोर्टर चाहे तो 50000 से कम मूल्य के कंसाइनमेंट का ई वे बिल भी बना सकता है।

यदि अपंजीकृत व्यक्ति द्वारा माल का परिवहन निजी वाहन अथवा  किराए पर लिए गए वाहन या ट्रांसपोर्टर के द्वारा किया जा रहा है तो वह व्यक्ति या ट्रांसपोर्टर कॉमन पोर्टल पर ई वे बिल बना सकते हैं ।

यदि एक ही राज्य के भीतर व्यापारी के व्यापार स्थल से माल परिवहन के लिए ट्रांसपोर्टर के गोदाम तक जा रहा है, और व्यापार स्थल से ट्रांसपोर्टर के गोदाम की दूरी 50 किलोमीटर तक है तो ई वे बिल के पार्ट बी को भरने की आवश्यकता नहीं है ।

यदि माल की आपूर्ति, अपंजीकृत आपूर्तिकर्ता द्वारा पंजीकृत व्यक्ति को की जा रही है तो, प्राप्तकर्ता पंजीकृत व्यक्ति ई वे बिल बनायेगा ।

पार्ट बी भरने के बाद ही ई वे बिल वैलिड होगा और माल का परिवहन किया जा सकेगा ।

(4) कॉमन पोर्टल पर ई वे बिल बनने के पश्चात एक यूनिक ई वे बिल नंबर (EBN) जनरेट होगा, जो कॉमन पोर्टल पर आपूर्तिकर्ता, प्राप्तकर्ता और ट्रांसपोर्टर को उपलब्ध होगा ।

(5) यदि माल के परिवहन के दौरान किसी कारणवश वाहन बदला जाएगा तो आपूर्तिकर्ता या प्राप्तकर्ता जिसने ई वे बिल का पार्ट ए भरा है, अथवा ट्रांसपोर्टर, ई वे बिल में वाहन संख्या को अपडेट करेंगे ।

यदि राज्य के भीतर माल डिलीवरी के लिए ट्रांसपोर्टर के गोदाम से व्यापारी के व्यापार स्थल की ओर जा रहा है और दूरी 50 किलोमीटर तक है तो, वे बिल में वाहन संख्या को अपडेट करने की आवश्यकता नहीं होगी ।

(5A)  आपूर्तिकर्ता या प्राप्तकर्ता जिसने ई वे बिल का पार्ट A भरा हो या ट्रांसपोर्टर किसी अन्य पंजीकृत या इनरोल्ड ट्रांसपोर्टर को वाहन के परिवर्तित होने की दशा में ई वे बिल के पार्ट B को अपडेट करने के लिए अधिकृत कर सकता है।

जब ट्रांसपोर्टर द्वारा ई वे बिल के पार्ट B में वाहन संख्या को अपडेट कर दिया जाएगा उसके पश्चात, जिस व्यापारी ने पार्ट A भरा है वह उस ई वे बिल के लिए किसी दूसरे ट्रांसपोर्टरों को अधिकृत नहीं कर सकता ।

(6) ई वे बिल बनने के पश्चात ढेर सारी कंसाइनमेंट के लिए ट्रांसपोर्टर कंसोलिडेटेड ई वे बिल (EWB-02) बना सकता है ।

(7) यदि उपनियम 1 के अधीन आपूर्तिकर्ता और प्राप्तकर्ता ई वे बिल नहीं बनाते हैं और वाहन में कुल माल का मूल्य 50000 से अधिक है तो ट्रांसपोर्टर द्वारा (रेलवे, एयर और जलयान की स्थिति में लागू नही) अंतर प्रांतीय सप्लाई होने पर ई वे बिल, माल की इनवॉइस के आधार पर बनाया जाएगा, ट्रांसपोर्टर कंसोलिडेटेड ई वे बिल भी जनरेट कर सकता   है ।

यदि माल की आपूर्ति ई-कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा की जा रही है तो ई वे बिल का पार्ट A ई-कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा भरा जा सकता है।

नोट- केन्द्रीय नोटिफिकेशन संख्या 15/2018 दिनांक 23 मार्च 2018 द्वारा नियम 138(7) विलंबित है

(8) ई वे बिल के पार्ट ए में भरी गई जानकारी पंजीकृत आपूर्तिकर्ता को कॉमन पोर्टल पर उपलब्ध होगी जिसका प्रयोग जीएसटीआर 1 में किया जा सकता है ।

यदि जानकारी अपंजीकृत आपूर्तिकर्ता या प्राप्तकर्ता द्वारा भरी गई है और ई वे बिल बनाया गया है तो जानकारी अपंजीकृत व्यक्ति को उसके दिए गए ईमेल या मोबाइल नंबर पर उपलब्ध होगी।

(9) यदि ई वे बिल बना लिया गया है परंतु माल का परिवहन नहीं हो सका तो 24 घंटे के भीतर उस ई वे बिल को कैंसिल किया जा सकेगा परंतु यदि किसी सचल दल इकाई ने उस ई वे बिल को वेरीफाई कर दिया है तो उसे कैंसिल नहीं किया जा सकेगा ।

ई वे बिल के पार्ट A को भरने पर यूनिक नंबर जनरेट होगा, जो 15 दिनों तक पार्ट बी भरने के लिये उपलब्ध होगा ।

(10) ई वे बिल 100 किलोमीटर पर 1 दिन के हिसाब से वैलिड होगा परन्तु ओवर डाइमेंशनल कार्गो की स्थिति में प्रति 20 किलो मीटर पर 1 दिन के हिसाब से वैलिड होगा, वैलिडिटी की समाप्ति उस दिन की मध्य रात्रि को होगी ।

कमिश्नर नोटिफिकेशन द्वारा किसी विशेष माल के संदर्भ में काउंसिल की संतुति पर ई वे बिल की वैलिडिटी पीरियड को बढ़ा सकता है ।

यदि किसी कारणवश निर्धारित समय में ट्रांसपोर्टर द्वारा माल को नहीं पहुंचाया जा सका तो, ट्रांसपोर्टर एक अन्य ई वे बिल, ई वे बिल के पार्ट B में अपडेट करके बना सकेगा ।

Relevant date का अर्थ है जिस दिन ई वे बिल बनाया गया है और वैधता (validity period ) का अर्थ है वह समय जब तक के लिए ही ई वे बिल मान्य है ।

नोट- दिनांक - 01/01/21 से ई वे बिल 200 किलोमीटर पर 1 दिन के हिसाब से वैलिड होगा 

(11) ई वे बिल पार्ट ए में जो सूचना होगी वह पंजीकृत आपूर्तिकर्ता और पंजीकृत प्राप्तकर्ता दोनों को कॉमन पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा, जिस पर वो अपनी स्वीकार्यता या अस्वीकार्यता दर्ज कर सकते हैं ।

(12) अपनी स्वीकार्यता अथवा अस्वीकार्यता 72 घण्टे के भीतर या माल डिलीवरी के समय, तक जो पहले हो दर्ज की जा सकती है ।

(13) इस रूल के अनुसार बनाया गया ई वे बिल सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मान्य होगा ।

(14) ई वे बिल निम्न परिस्थितियों में आवश्यक नहीं होगा -

‌- नॉन मोटराइज्ड वाहन में / अनेक्सर 138(14) में दी गयी वस्तुओ पर / जब माल पोर्ट, एयरपोर्ट, एयरकारगो, कस्टम स्टेशन से इनलैंड कंटेनर डिपो को या कस्टम क्लियरेंस के लिये जा रहा हो ।

‌- सेंट्रल नोटिफिकेसन 02/2017/28.06.17 या स्टेट नोटिफिकेशन 158/29.06.17

‌- शराब,डीजल, पेट्रोल, नेचुरल गैस, मोटर स्परिट, एविएशन टरबाइन फ्यूल,करेंसी,आभूषण,प्रयोग किये जा चुके व्यक्तिगत एवम घर सामान के परिवहन पर ।

‌- भूटान और नेपाल को अथवा वहां से ट्रांजिट कार्गो पर ।

‌- रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा गठन सम्बन्धी माल।

‌- यदि प्रेषक राज्य सरकार केंद्र सरकार या स्थानीय प्राधिकारी हो और माल का परिवहन रेलवे द्वारा किया जा रहा हो।

‌- खाली कार्गो कंटेनर का परिवहन होने पर ।‌

- यदि माल वजन होने के लिये जा रहा हो और व्यापार स्थल से वे वृज की दूरी 20 km से कम है एवम माल के साथ नियम 55 के अनुरूप डिलीवरी चालान है। 

 138 A.

(1) वाहन का पर्सन इंचार्ज अपने साथ लेकर चलेगा-

a. जिस प्रकार का संव्यवहार होगा उसके अनुरूप इनवॉइस/डिलवरी चालान/बिल ऑफ सप्लाई

b. ई वे बिल की एक कॉपी/ई वे बिल नंबर / आरएफआईडी युक्त वाहन में मैपड ई वे बिल नंबर जिस प्रकार कमिश्नर नोटिफाई करेगा ( रेल वायुयान और जलयान पर लागू नही) ।

(2) पंजीकृत व्यक्ति अपने द्वारा जारी की गई इनवॉइस को पोर्टल पर FORM GST INV-1 के रूप में अपलोड करके एक इनवॉइस रिफरेंस नंबर प्राप्त करेगा जो 30 दिनों के लिए वैध होगा ।

(3) इस FORM GST INV-1 के आधार पर ई वे बिल का पार्ट ए ऑटो पॉपुलेटेड रूप में भर जाएगा ।

(4) कमिश्नर अपने नोटिफिकेशन द्वारा कुछ ट्रांसपोर्टरों को अपने ई वे बिल नंबर यूनिक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस में मैपड करके माल के परिवहन के चलने हेतु अधिकृत कर सकता है ।

(5) विशेष परिस्थितियों में कमिश्नर नोटिफिकेशन के द्वारा वाहन के पर्सन इंचार्ज को ई वे बिल के स्थान पर केवल बिल/ बिल ऑफ एंट्री या डिलीवरी चालान (सप्लाई से भिन्न दशा में) लेकर चलने हेतु अनुमति दे सकता  है।

138B

(1) प्रॉपर ऑफिसर प्रांतीय/ अंतरप्रांतीय परिवहन कर रहे किसी वाहन को रोककर ई वे बिल को वेरिफ़ाई कर सकता है।

(2) कमिश्नर ऐसे किसी स्थान पर RFID रीडर को लगवा सकता है जहां वाहनों द्वारा माल का परिवहन किया जा रहा हो, जिससे आरएफआईडी में मैपड ई वे बिल को वेरीफाई किया जा सके।

(3) प्रॉपर ऑफिसर द्वारा वाहनों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा, किसी विशेष करापवंचन की सूचना पर कमिश्नर किसी अन्य अधिकारी को भी जांच हेतु दायित्व दे सकता है।

138C

(1) 24 घंटे के भीतर प्रॉपर ऑफिसर जांच किए गए वाहन की समरी रिपोर्ट EWB -03 के पार्ट ए में ऑनलाइन अपलोड करेगा, तथा फाइनल रिपोर्ट पार्ट बी में 3 दिनों के भीतर अपलोड करेगा।

(2) जब तक कोई विशेष कर अपवंचन कि सूचना न हो जिस वाहन का भौतिक सत्यापन उसी राज्य में या किसी अन्य राज्य में किया गया है उसका दोबारा भौतिक सत्यापन नहीं किया जाएगा।

138D

यदि किसी वाहन को 30 मिनट से अधिक इंटरसेप्ट या डिटेन किया गया है तो ट्रांसपोर्टर इसकी सूचना कॉमन पोर्टल पर EWB-04 में अपलोड कर सकेगा।

यह आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेंट बाक्स में जरूर बतायें, जिससे आर्टिकल में सुधार करइसे और उपयोगी बनाया जा सके, आर्टिकल को पूरा पढने के लिए धन्यवाद


 

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